हमरा आदमी क सड़क पार करब निक लगैत अछि, दरअसल एकरा सं एकटा उम्मीद जगैत छै कि दुनिया जै इ तरफ छै शायद ओकरा सं बेहतर उ तरफ होए.
गिरीन्द्र जी; अपनेक ब्लॉग'क बहुत दिन बाद भ्रमण क' रहल छी. मैथिली ब्लोग'क दुनिया देखि लागैत अछि जे एतेक जल्दी आ एतेक आसानी सँ मैथिली विलुप्त नहीं होएत. कनि हमारो लोकनिक प्रयास देखल जाए www.vidyapati.org . --- डा. पद्मनाभ मिश्र
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गिरीन्द्र जी;
अपनेक ब्लॉग'क बहुत दिन बाद भ्रमण क' रहल छी. मैथिली ब्लोग'क दुनिया देखि लागैत अछि जे एतेक जल्दी आ एतेक आसानी सँ मैथिली विलुप्त नहीं होएत. कनि हमारो लोकनिक प्रयास देखल जाए www.vidyapati.org .
--- डा. पद्मनाभ मिश्र
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