हमरा आदमी क सड़क पार करब निक लगैत अछि, दरअसल एकरा सं एकटा उम्मीद जगैत छै कि दुनिया जै इ तरफ छै शायद ओकरा सं बेहतर उ तरफ होए.
Thursday, March 1, 2007
टोल में लिखबाक लेल मन हरदम बैचेन रहैत अछि
टोल में लिखबाक लेल मन हरदम बैचेन रहैत अछि,मुदा कि करि लिखे काल मन मे अनेक गप्प धमाल मचब लगैय ..कि करि..
दरभंगा,मधुबनी जकां हमर इलाका क टोला मधुर त न छै, क्याक हमर टोला अछि पूर्णिया जिला में. ठैट अंदाज मे लोग सब अपन अनुभव वा गप्प बयां करैत एतय भेंट जायत्.
आब कि लिखी..लिखब अवश्य ..अपन टोल क गप्प्..किछु नमकिन ..किछु मिठ..
सब सं परिचय करायब्. एकटा गप्प बुझल अछि न कि इ इलाका में साहित्य और राजनीति क खुब बोलबाला छै..रेणुजी क इलाका छियन्..
ठीक आब विस्तार सं गप्प होयत आगुक पाती में.
(मैथिली लिखबा में ढेर गलती होयत्...माफ करब्..लेकिन यकिन मानु सीख त अवश्य जायब.)strong>
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