Friday, August 12, 2011

सिनेमा पर बवाल

प्रकाश झा सिनेमा तैयार करलैत 'आरक्षण', शुक्र क (12 अगस्त) उत्तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र क छोड़ि क देश भर में इ रिलिज सेहो भेल मुदा एकरा ल क जै विवाद शुरु भेले हैं ओकरा सं केवल दुख भ रहल अछि। कि इ मुल्क में मनोरंजन पर सेहो सरकार क अधिकार भ गेल छै?

सब चैनल पर बहस क दौर चलि रहल छै। चैनल-पैनल बनि गैल अछि। आश्चर्य होएत अछि कि सिनेमा संग एहन व्यवहार किया करल जा रहल छै। यूपी में दू महिना लेल प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाएल गेल छै। एकटा अखबार में हेडिंग रहै कि 'यूपी में केवल माया को आरक्षण'। कि सचमुच सिनेमा क नेता सब अप्पन ढंग से बनेबाक प्रयास कर रहल छै? यदि सत्य छै त इ गलत भ रहल छै।

शब्द और शब्द सं जुड़ल काज में टांग घुसा क राजनीति क रंग और बदरंग करल जा रहल छै। हमरा त ताज्जुब भ रहल अछि कि यदि अहां क सिनेमा सं दिक्कत अछि त ओकर विपक्ष में अखबार वा पत्रिका में क्या नै लिखल जा रहल छै, सीधे सड़क पर मार-पीट लेल पार्टी झंडा संग लोग क्या उतर रहल छै।

सिनेमा रिलिज नै भेले और अहां बुझि गेलिए कि एकरा में सब चीज गलत छै। दुहाई महाराज..नेता संग हमहूं सब बौरा गेल छी। यूपी में प्रतिबंध क कारण इ सिनेमा हम नहीं देख सकब मुदा आशा अछि कि पाइरेटेड सीडी बाजार में जरुर आबि जैते। एकर मतलब भेल कि सरकार गैर कानूनी चीज क बढ़ाबा द रहल छै..। अहूं सब सोचू।